Amazon Ads की नई रिसर्च बताती है कि भारत में डिजिटल-फ़र्स्ट ब्रैंड के लिए ब्रैंड बनाना क्यों अहम है
13 सितंबर, 2024 | लेखक: शौनकराज देशपांडे, मार्केटिंग मैनेजर

भारत के तेज़ी से बदलते और बहुत ज़्यादा प्रतिस्पर्धी बिक्री माहौल में, ब्रैंड अपनी अलग पहचान बनाने और कंज़्यूमर के साथ बेहतरीन तरीक़े से जुड़ने के लिए नए तरीक़े खोजते हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है. यह यूरोपीय संघ और अमेरिका1 की तुलना में तीन गुना तेज़ी से बढ़ रही है. साथ ही, लोग गैर-ज़रूरी चीज़ों पर बहुत ज़्यादा पैसा ख़र्च2 कर रहे हैं. इसने नई कंज़्यूमर कैटेगरी और ब्रैंड के लिए उभरने और फलने-फूलने के बहुत ज़्यादा अवसर पैदा हुए हैं.
ऐसा होने की एक बड़ी वजह, पूरे भारत में डिजिटल को अपनाने में तेज़ बढ़ोतरी रही है. इसने तेज़ और किफ़ायती डिजिटल-फ़र्स्ट ब्रैंड (DFB) के नए क्लास को, ऑनलाइन चैनलों का ताक़तवर लॉन्चपैड के रूप में इस्तेमाल करने में मदद की है. इससे वे कंज़्यूमर तक जल्दी पहुँच सकते हैं और उनसे जुड़ सकते हैं. हालाँकि, जब ये DFB अपने ग्रोथ पाथ को बनाए रखने और मुख्यधारा के ब्रैंड में बदलाव लाने की कोशिश करते हैं, तो अहम एलिमेंट पर पूरा फ़ोकस किया जाता है: रणनीतिक ब्रैंड बनाने की ज़रूरत.
परिभाषित करना और एंगेजिंग: भारत में DFB के लिए ब्रैंड बनाने के मक़सद से दो-स्टेज वाला तरीक़ा
Amazon Ads India के नए रिसर्च के अनुसार, DFB के लिए ब्रैंड बनाना ज़रूरी है जो अपनी मौजूदगी को मज़बूत करना चाहते हैं और अपनी ऑडियंस के साथ लंबे समय तक चलने वाले रिलेशन को बेहतर करना चाहते हैं. DFB की शुरुआती सफलता डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए बदलते हुए कंज़्यूमर ट्रेंड और पसंद का तेज़ी से फ़ायदा पाने की उनकी क्षमता से प्रेरित हो सकती है. हालाँकि, उनके विकास के अगले स्टेज में ब्रैंड को आगे बढ़ाने के लिए, ज़्यादा चौतरफ़ा और रणनीतिक तरीक़े की ज़रूरत होती है.
भारत में DFB के लिए असरदार ब्रैंड बनाने के दो मुख्य स्टेज हैं:
- परिभाषित करें: DFB को यह साफ़ तौर पर बताना होगा कि उनके होने की वजह (ब्रैंड का उद्देश्य) क्या है और कस्टमर उनके बारे में क्या सुनते हैं (ब्रैंड की स्टोरी). ब्रैंड के उद्देश्य को पहले ही तय करना और उस पर खरा उतरना अहम है. साथ ही, जैसे-जैसे ब्रैंड बढ़ता है और कस्टमर की ज़रूरतें बदलती हैं, उसमें बदलाव करना भी ज़रूरी है.
- एंगेज करें: दूसरा स्टेज, कस्टमर को एक जैसा अनुभव और बातचीत को लगातार बनाए रखने पर आधारित है. जब एंगेज होने की बात आती है, तो DFB दो अलग-अलग तरीक़ों के बीच चुन सकते हैं - “ब्रैंड से बिक्री बढ़ती है” या “बिक्री से ब्रैंड बढ़ता है.”
“ब्रैंड से बिक्री बढ़ती है” तरीक़ा: लंबे समय तक सफलता पाने के लिए ब्रैंड बनाने का फ़ायदा उठाना
भारत में कुछ DFB, “ब्रैंड से बिक्री बढ़ती है” तरीक़ा अपनाते हैं. इसमें ब्रैंड बनाने का इस्तेमाल लंबे समय तक सफलता पाने के लिए किया जाता है. कॉम्पटिटिव मार्केट में, एक मज़बूत ब्रैंड सिर्फ़ सबसे ज़्यादा पहचाने जाने वाला और भरोसेमंद नाम बनकर कंज़्यूमर को प्रभावित कर सकता है. ब्रैंड बनाने और परफ़ॉर्मेंस मार्केटिंग की तरफ़ संतुलित तरीक़े का पालन करके इसे जल्दी हासिल किया जा सकता है.
जैसे, ज्वेलरी ब्रैंड Giva ने 2019 में अपनी स्थापना के बाद से डिजिटल वीडियो ऐड और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के ज़रिए अपनी ऑनलाइन मौजूदगी और ब्रैंड बनाने पर फ़ोकस किया है. बाद में, 2022 में Giva ने ऑफ़लाइन स्टोर की शुरुआत की और क्षेत्रीय ऑडियंस तक पहुँचने के लिए आउट-ऑफ़-होम (OOH) एडवरटाइज़िंग का इस्तेमाल किया, जिससे इसके फ़िजिकल स्टोर पर बड़ी संख्या में लोग आए. ऑनलाइन ब्रैंड बनाने की इस रणनीतिक पहल ने Giva को अपनी बिक्री बढ़ाने में मदद की और आज यह कंपनी 200 करोड़ रुपये की हो गई है.
“बिक्री से ब्रैंड बढ़ता है” तरीक़ा: पहले स्केल करना, फिर ब्रैंड बनाने में इनवेस्ट करना
दूसरी ओर, भारत में कुछ DFB ने पहले अपनी बिक्री में तेज़ी से बढ़ोतरी की है और फिर ब्रैंड बनाने में इनवेस्ट किया है. यह रणनीति तब अच्छी तरह से काम करती है जब किसी ब्रैंड के पास बेहतर प्रोडक्ट होता है, जो परफ़ॉर्मेंस मार्केटिंग के साथ जोड़े जाने पर, उसे मिड-टर्म बिक्री के उद्देश्यों के नज़दीक पहुँचने में मदद करता है. इस मामले में, समय के साथ ब्रैंड बनाने में मदद के लिए हर बिक्री टच पॉइंट को जीतना अहम है.
प्रीमियम मैट्रेस ब्रैंड, The Sleep Company इस तरीक़े का उदाहरण है. 2019 में लॉन्च होने के बाद, इस ब्रैंड ने ऑनलाइन स्टोर और डायरेक्ट-टू-कंज्य़ूमर (D2C) में एक साथ आकर शुरुआत की और आख़िरकार 2022 में इसने ऑफ़लाइन स्टोर शुरू किया. ब्रैंड का परफ़ॉर्मेंस मार्केटिंग और कभी-कभी ब्रैंड बनाने से जुड़ी गतिविधियों (बिक्री पर ध्यान देने के साथ) पर बहुत ज़्यादा फ़ोकस था, जिसका उद्देश्य बिक्री को बढ़ाना था. इसके अलावा, उन्होंने अपने प्रोडक्ट को दूसरों से अलग दिखाने के लिए काफ़ी मेहनत की और इससे उन्हें तेज़ी से आगे बढ़ने में मदद मिली.
सफल ब्रैंड बनाने के लिए चार स्टेप वाला तरीक़ा
कोई भी दो DFB एक जैसे नहीं होते और न ही उनके आगे बढ़ने का सफ़र एक जैसा होता है. हालाँकि, DFB के बारे में हमारी स्टडी से पता चलता है कि हर स्टेज में, ब्रैंड अलग-अलग ऐड सोल्यूशन का इस्तेमाल करके ऑडियंस से एंगेज हो सकते हैं और आगे बढ़ना जारी रख सकते हैं.
- प्रोडक्ट-मार्केट फ़िट: शुरुआत में, ब्रैंड को कस्टमर की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रोडक्ट बनाने और उन्हें बेहतर करने की ज़रूरत है. इस दौरान, DFB को ऑनलाइन स्टोर के ज़रिए असरदार ऑनलाइन बिक्री चैनल बनाने होंगे और अपनी कैटेगरी की ऑडियंस को एंगेज करना होगा. Sponsored Products, ब्रैंड की विज़िबिलिटी बढ़ाकर और ख़रीदारों को सीधे प्रोडक्ट जानकारी पेज पर ले जाकर, ऑनलाइन स्टोर में ज़्यादा लोगों तक पहुँचने का असरदार तरीक़ा है.
- मार्केट में मज़बूत स्थिति बनाना: जैसे-जैसे DFB बढ़ते हैं, उनका लक्ष्य अपने भरोसेमंद कस्टमर बेस के साथ मज़बूत सम्बंध बनाना होता है. इस दौरान, वे अपने “हीरो प्रोडक्ट” की पहचान करते हैं और मार्केट में उसके लिए ख़ास जगह बनाते हैं. Sponsored Display, Sponsored Brands, Brand Store और Brand Follow का इस्तेमाल करके, DFB डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर चैनल बना सकते हैं और रीमार्केटिंग के ज़रिए अपने ऑनलाइन स्टोर को बढ़ा सकते हैं.
- प्रोडक्ट इनोवेटेर: यह तब होता है जब DFB कस्टमर की ज़रूरतों और व्यवहार को समझकर अपनी टार्गेट ऑडियंस को बढ़ाते हैं. वे डिस्प्ले ऐड के साथ-साथ डिजिटल बिक्री टच पॉइंट पर मौजूदगी पक्की करते हैं. ब्रैंड, वीडियो एडवरटाइज़िंग के ज़रिए और Amazon Live पर ब्रैंड एंबेसडर या इन्फ़्लुएंसर के साथ काम करके सम्बंधित ऑडियंस तक पहुँच सकते हैं.
- लोकप्रिय ब्रैंड: जैसे-जैसे DFB अपनी कैटेगरी में जाने-माने ब्रैंड और लीडर बनते हैं, वे प्रोडक्ट पोर्टफ़ोलियो को एक जैसा बनाए रखने और लीडरशिप पर फ़ोकस करते हैं. ब्रैंड ओमनीचैनल कैम्पेन का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे, miniTV पर डिवाइस ऐड, प्रोडक्ट प्लेसमेंट और ब्रैंड इंटीग्रेशन का इस्तेमाल करके, ब्रैंड ऑनलाइन ऑडियंस के साथ भावनात्मक सम्बंध बना सकते हैं. इसी तरह, क्रिएटिव पैकेज ऐड ऑफ़लाइन ऑडियंस से जुड़ने में मदद कर सकते हैं. इसके बाद, ब्रैंड दुनिया भर में विस्तार करने के बारे में भी सोच सकता है.
ब्रैंड बनाने के लिए स्मार्ट रणनीतियों का इस्तेमाल करके, भारत में डिजिटल रूप से मूल कंपनियाँ कंज़्यूमर लैंडस्केप में मज़बूत और स्थायी बढ़त बना सकती हैं. इससे उन्हें दूसरों से अलग दिखने और तुरंत बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह उन्हें लंबी अवधि में आगे बढ़ने के लिए ख़ुद को पोज़िशन करने में मदद कर सकता है और अपनी इंडस्ट्री में बेहतरीन खिलाड़ियों के रूप में अपनी जगह पक्की कर सकता है. Amazon Ads, उन DFB के लिए पार्टनर बन सकता है जो इंटरनेट और टेक्नोलॉजी की जानकारी रखने वाले कंज़्यूमर के बीच अपना ब्रैंड बनाना चाहते हैं.
1 IMF Report on Real GDP Growth 2024 & World Economic Outlook Database
2 https://www.bloomberg.com/news/articles/2024-02-25/india-s-household-spending-doubles-in-12-years-survey-shows