गाइड
मार्केटिंग के 4 P
मार्केटिंग मिक्स की परिभाषा और गाइड
इसे मार्केटिंग मिक्स के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें मार्केटिंग के चार पी (P) प्रोडक्ट, क़ीमत, जगह और प्रमोशन शामिल हैं. मार्केटिंग मिक्स के 4 पी (P) अहम हैं, क्योंकि वे आपकी मार्केटिंग रणनीति के लिए फ़्रेमवर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं.
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डिजिटल मार्केटिंग में अपने सीखने का दौर शुरू करने (या उसे फिर से ताज़ा करने) वाले किसी भी व्यक्ति के लिए, “मार्केटिंग मिक्स” मॉडल समझे जाने वाले मुख्य कॉन्सेप्ट में से एक है. मार्केटिंग मिक्स को अक्सर मार्केटिंग के चार पी (P) (प्रोडक्ट, क़ीमत, जगह और प्रमोशन) का इस्तेमाल करके तय किया जाता है या इसे सात पी (P) (लोग, प्रोसेस और असल सबूत जोड़ते हुए) तक बढ़ा कर देखा जाता है). बिज़नेस इस मार्केटिंग रणनीति का इस्तेमाल चेकलिस्ट या वेरिएबल और फ़ैक्टर के सेट के तौर पर करते हैं, ताकि मार्केटर सही कस्टमर तक पहुँचने, ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा पाने, मार्केटिंग कुशलता को बेहतर बनाने जैसे कई काम करने में मदद पाने के बारे में सोच सकें.
मार्केटिंग मिक्स क्या होता है?
मार्केटिंग मिक्स ऐसे फ़ैक्टर या एलिमेंट का कलेक्शन है जिन्हें बिज़नेस की ओर से प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में कस्टमर को जानकारी देने में मदद पाने के नज़रिए से कंट्रोल किया जा सकता है. 1948 में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के मार्केटिंग प्रोफ़ेसर जेम्स कुलिटन ने पहली बार बिज़नेस एक्ज़ीक्यूटिव को क्रिएटिव तरीके से मिला-जुला तरीका इस्तेमाल करने का नज़रिया पेश किया था. अगले कुछ दशकों के दौरान, कुलिटन के सहयोगी नील बॉर्डेन ने “मार्केटिंग मिक्स” के तरीके को “मार्केटिंग एलिमेंट के मिले-जुले तरीके को नियंत्रित करने वाली ताकतों” की लिस्ट के रूप में तैयार करने के नज़रिए से इसे बेहतर बनाना जारी रखा. इस मार्केटिंग मिक्स मॉडल का इस्तेमाल करके, बिज़नेस अपने मार्केटिंग उद्देश्यों को तय करने और सही मैसेजिंग के साथ सही कस्टमर तक पहुँचने से जुड़े रणनीतिक फ़ैसले लेने के लिए काम कर सकते हैं.
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मार्केटिंग के 4 P क्या हैं?
अपनी 1960 की किताब, बेसिक मार्केटिंग: ए मैनेजरियल अप्रोच में ई. ज़ेरोम मैकार्थी ने मार्केटिंग के चार पी (P) में “मार्केटिंग मिक्स” को और भी अच्छे तरीक़े से समझाते हुए लिखा था कि “मार्केटिंग मिक्स को जिन चार चीज़ों की मदद से तैयार किया जाता है, उन्हें चार पी (P): प्रोडक्ट, जगह (यानी चैनल और इंस्टिट्यूशन), प्रमोशन और क़ीमत कहा जाता है.”
चलिए, मार्केटिंग के चार P के बारे में और भी जानकारी हासिल करते हैं:
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1. प्रोडक्ट
मार्केटिंग के चार पी (P) के तहत, इसे बिज़नेस की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले सामान या सर्विस के तौर पर माना जाता है. इस स्टेज में, बिज़नेस संबंधित ऑडियंस तक पहुँचने के लिए सही प्रोडक्ट या सर्विस खोजने से जुड़े फ़ैसलों पर फ़ोकस करते हैं. यहाँ बिज़नेस, कस्टमर की ज़रूरत के हिसाब से प्रोडक्ट या सर्विस की क़ीमत और कस्टमर के ख़रीदारी के सफ़र पर गौर कर सकते हैं. प्रोडक्ट मार्केटिंग के बारे में ज़्यादा जानें.
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2. क़ीमत
बिज़नेस को अपनी ओर से पेश किए जा रहे प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में अच्छी तरह से समझ लेने के बाद, उन्हें यह तय करना होगा कि वे किस क़ीमत पर पेमेंट लेंगे. प्रोडक्ट या सर्विस की असल और बताई गई कीमत के हिसाब से, बिज़नेस को ज़्यादा से ज़्यादा बिक्री और फ़ायदा दिलाने वाली सही अमाउंट का पेमेंट लेना चाहिए. बिज़नेस को कंज़्यूमर की उम्मीदों, प्रतिस्पर्धी प्राइसिंग, छूट और कमाई का रिव्यू करना होगा.
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3. जगह
इस कैटेगरी में यह शामिल है कि कस्टमर को प्रोडक्ट कहाँ, कब और किस तरह ऑफ़र किए जाएँगे और उन्हें किस तरह से बेचा जाएगा. इस स्टेज पर, बिज़नेस को यह सोचना होगा कि क्या उनके प्रोडक्ट या सर्विस को ऑनलाइन बेचा जाए या फिर कहीं मौजूद किसी Store में बेचा जाए और उन्हें किस तरह से डिस्प्ले किया जाएगा. बिज़नेस को डिस्ट्रीब्यूशन, इन्वेंट्री, सप्लाई चेन या ऐसे किसी अन्य फ़ैक्टर के बारे में भी सोचना चाहिए, जिसमें कस्टमर को प्रोडक्ट या सर्विस का ऐक्सेस देना शामिल हो सकता है.
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4. प्रमोशन
बिज़नेस के लिए प्रोडक्ट प्रमोशन का मक़सद यह तय करना है कि वे कस्टमर को अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में किस तरह जानकारी देंगे. इसमें एडवरटाइज़िंग, पब्लिक रिलेशन, सोशल मीडिया, डिस्कवरी बार ऑप्टिमाइज़ेशन, ईमेल, वीडियो मार्केटिंग, ऑडियो मार्केटिंग और ऐसे अन्य सभी ज़रिए शामिल हैं, जिसकी मदद से बिज़नेस अपने प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा करता है.
मार्केटिंग के 7 P
मार्केटिंग के 7 P क्या हैं?
हाल के सालों में, कुछ एक्सपर्ट ने मार्केटिंग मिक्स के मॉडल को और बढ़ाया है, ताकि इसमें मार्केटिंग के सात पी (P) शामिल किए जा सकें. यह कॉन्सेप्ट ओरिजिनल चार पी (P) में लोग, प्रोसेस और असल सबूत को जोड़ता है. सात पी (P) मॉडल को इसलिए तैयार किया गया था, ताकि ऐसा कामयाब मार्केटिंग मिक्स बनाने में बिज़नेस की मदद की जा सके जो प्रोडक्ट और सर्विस के लिए ज़रूरी अलग-अलग रणनीतियों को बेहतर तरीक़े से पूरा कर सके.
लोग
इस बढ़ाए गए मॉडल में, लोग का मतलब कस्टमर के साथ इंटरैक्ट करने वाले किसी कर्मचारी से होता है.
प्रोसेस
प्रोसेस ऐसा सिस्टम है जिसके हिसाब से बिज़नेस को चलाया जाता है - इसमें लॉजिस्टिक्स, डिलीवरी, चेकआउट, परफ़ॉर्मेंस, ऑपरेशन जैसी कई चीज़ें शामिल हैं.
असल सबूत
आख़िर में, असल सबूत का मतलब बिज़नेस के साथ कस्टमर को मिलने वाले एक्सपीरिएंस की क्वालिटी से होता है. इसमें बिज़नेस की ओर से दी जाने वाली सुविधाएँ (जैसे फ़र्नीचर, इक्विपमेंट, माहौल) या ऐसी कोई भी चीज़ शामिल है जो कस्टमर को इस बात का भरोसा दिला सकती है कि बिज़नेस उनके पैसे की सही क़ीमत अदा कर रहा है (जैसे ऑनलाइन रिव्यू, टेस्टीमोनियल, केस स्टडी वग़ैरह).
मार्केटिंग रणनीति में मार्केटिंग के 4 P का इस्तेमाल करना
ब्रैंड की मार्केटिंग रणनीति का मतलब कंज़्यूमर तक पहुँचने के लिए बनाए जाने वाले लंबे समय के प्लान से होता है. कामयाब मार्केटिंग रणनीति में पेश किए जाने वाले प्रोडक्ट और प्राइसिंग के साथ ही ब्रैंड मार्केटिंग और प्रोडक्ट के प्रमोशन को भी शामिल किया जाता है. आपके ब्रैंड की मार्केटिंग रणनीति में एडवरटाइज़िंग से लेकर ब्रैंड के बारे में जागरूकता बढ़ाने, ख़रीदारी करने के सभी तरीके और कस्टमर को बार-बार आने वाले विज़िटर में बदलने तक सब कुछ शामिल होना चाहिए.
मार्केटिंग रणनीति इंटरनल तौर पर फ़ायदेमंद रिसोर्स साबित होगी क्योंकि आप नए कस्टमर को एंगेज करना जारी रखेंगे और इसे बाहरी बिज़नेस से जुड़े कस्टमर के सामने अपने ब्रैंड को शोकेस करने के लिए पिच डेक या प्रेज़ेंटेशन में भी बदला जा सकता है. मार्केटिंग के चार पी (P) से बिज़नेस को कारगर मार्केटिंग रणनीति तैयार करने की रूपरेखा मिलती है. प्रोडक्ट, क़ीमत, जगह और प्रमोशन को तय करके, बिज़नेस नए प्रोडक्ट या सर्विस लॉन्च करने की रूपरेखा तैयार कर सकते हैं और इस बात को पक्का कर सकते हैं कि उन्होंने मार्केटिंग मिक्स के ज़रूरी एलिमेंट पर भी ग़ौर कर लिया है.