OMG के राउल ज़ेनॉन का इंटरव्यू, भाग 2: रिटेल मीडिया की मदद से इनोवेशन को बढ़ावा देना

थंबनेल भाग 2

इस दो भाग वाली इंटरव्यू सीरीज़ के दूसरे भाग में (भाग 1 यहाँ देखें), OMG MENA के जनरल मैनेजर, राउल ज़ेनॉन, इस बात पर गहराई से रोशनी डालते हैं कि किस तरह ब्रैंड अपनी बिज़नेस सम्बंधी व्यापक रणनीति में रिटेल मीडिया को शामिल करके इनोवेशन को बढ़ावा दे सकते हैं.

हमारी पिछली चर्चा के आधार पर, रिटेल मीडिया से सम्बंधित चौतरफ़ा रणनीति बनाते समय अलग-अलग चैनलों के बीच रचनात्मक तालमेल के महत्व के बारे में हमें बताएँ.

जब हम रिटेल मीडिया के लिए चौतरफ़ा रणनीति के बारे में बात करते हैं, तो हम दरअसल इन्हें अलग करने वाली सीमाओं को तोड़ने की बात करते हैं. इसका मतलब यह सुनिश्चित करना है कि रिटेल मीडिया से जुड़ी आपकी कोशिशें अलग से नहीं, बल्कि आपकी बाक़ी सभी कोशिशों के साथ मिलकर काम कर रही हैं.

इसकी कल्पना करें: एक कस्टमर को अपनी पसंदीदा शॉपिंग साइट पर किसी ऐड में स्नीकर्स का एक जोड़ा दिखता है, फिर उसे उस ब्रैंड से एक स्पेशल ऑफ़र वाला ईमेल मिलता है और आख़िर में जब वह स्टोर में जाता है, तो वही प्रोडक्ट उसे प्रमुख रूप से दिखता है. इस तरह का क्रॉस-चैनल तालमेल सावधानी से प्लान बनाने और इंटीग्रेशन का नतीजा है. इसका लक्ष्य एक ऐसा सहज अनुभव देना है, जो कस्टमर को प्रोडक्ट को देखने से लेकर उस प्रोडक्ट को ख़रीदने तक लेकर जाए.

इस काम को करने के लिए, आपको ऐसे एकीकृत मुख्य परफ़ॉर्मेंस इंडिकेटर (KPI) की ज़रूरत होगी, जो सभी चैनलों पर सफलता को मापें और समझने में मदद करें कि हर टचपॉइंट कस्टमर की ख़रीदारी के सफ़र में किस तरह योगदान देता है. यह पक्का करता है कि रिटेल मीडिया से सम्बंधित कोशिशें, बिज़नेस के आपके व्यापक उद्देश्यों के साथ मेल खाते हैं और आप डेटा के आधार पर ऐसे फ़ैसले ले सकते हैं जो परफ़ॉर्मेंस को बेहतर बनाए. ब्रैंड, एजेंसियों और रिटेल मीडिया नेटवर्क (RMN) को एक साथ काम करना चाहिए, इनसाइट शेयर करनी चाहिए और अपने लक्ष्यों पर एकजुट होना चाहिए. जब सभी लोग एक ही उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो इसका नतीजा असरदार और कामयाब मार्केटिंग रणनीति होती है, जो बेहतर नतीजे देती है.

क्या ब्रैंड को वाक़ई अपनी मार्केटिंग रणनीति में अपनी मीडिया सम्बंधी रणनीति को शामिल करना चाहिए या इन दोनों को अलग-अलग तरीक़े से भी संभाला जा सकता है?

असल में, रिटेल मीडिया को बस एक अन्य चैनल या रणनीति के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए - बल्कि इसे मार्केटिंग फ़नल के हर चरण में शामिल किया जाना चाहिए, चाहे वह जागरूकता हो, विचार करना हो या ख़रीदारी करना हो. उदाहरण के लिए, रिटेल मीडिया के ज़रिए जो प्रमोशन और ऑफ़र दिए जाते हैं, उन्हें इन-स्टोर प्रमोशन के साथ तालमेल रक्खना चाहिए, ताकि कस्टमर को ऑनलाइन या ऑफ़लाइन ख़रीदारी करते समय एक जैसा अनुभव मिले. इसी तरह, रिटेल मीडिया में इस्तेमाल होने वाले क्रिएटिव को ख़ास ऑडियंस और उन संदर्भों के हिसाब से ऑप्टिमाइज़ किया जाना चाहिए, जिनमें वे दिखाई देंगे. हालाँकि, वे आपके ब्रैंड की टोन और स्टाइल के साथ मैच होने चाहिए.

रिटेल मीडिया को जब एक हॉलिस्टिक मार्केटिंग प्लान के साथ इंटीग्रेट किया जाता है, तो यह बिज़नेस को आगे बढ़ाने वाला एक शक्तिशाली साधन बन सकता है. RMN द्वारा कस्टमर के बारे में दी जाने वाली ज़्यादा इनसाइट का फ़ायदा उठाकर, ब्रैंड ऐसे कैम्पेन बना सकते हैं जो उनकी ऑडियंस के लिए ज़्यादा प्रासंगिक हों और मार्केटिंग में किया गया निवेश सही जगह पर असर दिखाए.

एक क़दम पीछे जाकर देखें, तो किसी ब्रैंड की रिटेल मीडिया सम्बंधी रणनीति उसकी व्यापक बिज़नेस रणनीति में कैसे फ़िट होती है?

रिटेल मीडिया की भूमिका सिर्फ़ मार्केटिंग डिपार्टमेंट तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे पूरे बिज़नेस मॉडल में एक अहम रणनीतिक हिस्सा माना जा सकता है. इसका मतलब है कि रिटेल मीडिया कैम्पेन की सफलता का आकलन सिर्फ़ तुरंत होने वाली बिक्री के आधार पर ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि यह भी देखाना चाहिए कि कस्टमर लाइफ़टाइम वैल्यू, मार्केट शेयर में बढ़ोतरी और ब्रैंड की विश्वसनीयता जैसे लंबे समय तक के बिज़नेस के लक्ष्यों में वे कैसे योगदान करते हैं.

रिटेल मीडिया को भी आपके प्रोडक्ट डेवलपमेंट और मर्चेन्डाइज़िंग सम्बंधी रणनीतियों में इंटीग्रेट किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे मिलने वाली इनसाइट प्रोडक्ट इनोवेशन और यह फ़ैसला लेने में मदद कर सकती है कि कौन-से प्रोडक्ट पेश किए जाएँ. और एक अहम बात यह है कि ये इनसाइट, बिक्री, ऑपरेशन और फ़ाइनेंस डिपार्टमेंट के साथ-साथ सभी डिपार्टमेंट और बिज़नेस फ़ंक्शन के साथ शेयर की जानी चाहिए, ताकि बेहतर फ़ैसले लिए जा सकें.

इसके अलावा, रिटेल मीडिया को आपकी पार्टनरशिप और मिलकर काम करने से सम्बंधित रणनीतियों में भी शामिल किया जाना चाहिए. एजेंसी पार्टनर और RMN, जैसे Amazon Ads के साथ मिलकर काम करके ब्रैंड और ज़्यादा इनसाइट हासिल कर सकते हैं और ये, बिज़नेस से जुड़ी उनकी रणनीति को और मज़बूत कर सकती हैं. ख़ास तौर से, इससे ज़्यादा बढ़िया जॉइंट बिज़नेस प्लान (JBP) बनाए जा सकते हैं, जो ब्रैंड और रिटेल के लक्ष्य को एक साथ लाने में मदद करते हैं.

हम जिन ब्रैंड के साथ काम करते हैं, उनमें से एक बढ़िया उदाहरण Unilever है जिसने इस एकीकृत तरीक़े को अपनाया है. वे RMN के व्यापक डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हैं, जो प्रोडक्ट डेवलपमेंट से लेकर स्थानीय मार्केटिंग कैम्पेन तक हर पहलू को बेहतर बनाने में मदद करता है. वे रिटेल मीडिया का इस्तेमाल किसी चैनल के रूप में नहीं, बल्कि रणनीतिक टूल के रूप में करते हैं, जो तुरंत बिक्री और लंबे समय तक ब्रैंड के विकास के लक्ष्य दोनों को बढ़ावा देता है. इस वजह से, Unilever जल्दी से बदलावों के साथ तालमेल बैठाता है, मार्केट में होने वाले बदलावों के अनुसार तुरंत ख़ुद को ढाल लेता है और सबसे अच्छे नतीजे के लिए अपने काम को लगातार सुधारता है.

ख़ास तौर पर GCC/MENA क्षेत्र में काम करने वाले ब्रैंड, रिटेल मीडिया सम्बंधी अपनी रणनीति में इनोवेशन और प्रयोग को कैसे अपना सकते हैं?

GCC/MENA क्षेत्र में रिटेल मीडिया में इनोवेशन और प्रयोग को असरदार तरीक़े से अपनाने के लिए, यह ज़रूरी है कि इस काम को एक ऐसे व्यवस्थित फ़्रेमवर्क के साथ किया जाए, जिसमें इस मार्केटप्लेस की ख़ासियतों को ध्यान में रखा गया हो. यहाँ इनोवेशन का मतलब सिर्फ़ नई टेक्नोलॉजी अपनाना नहीं है, बल्कि बदलाव लाने के लिए मार्केट के डायनेमिक्स, ऑडियंस के व्यवहार और प्रतिस्पर्धा को समझना भी है.

रिटेल मीडिया इनोवेशन के लिए OMG का फ़्रेमवर्क, उन ब्रैंड के लिए मददगार है जो इस क्षेत्र में बदलाव लाना चाहते हैं. यह ब्रैंड को GCC/MENA की चुनौतियों को समझने में मदद करता है और अवसरों की पहचान से लेकर सफल रणनीतियों के विस्तार तक, एक स्पष्ट रास्ता दिखाता है.

इमेज 2 - भाग 2 - इनोवेशन फ़्रेमवर्क

OMG का रिटेल मीडिया इनोवेशन फ़्रेमवर्क

इस फ़्रेमवर्क के जरिए ब्रैंड यह पक्का करने में मदद कर सकते हैं कि रिटेल मीडिया से सम्बंधित उनकी कोशिशें, उनके बिज़नेस के व्यापक लक्ष्यों से मैच करती हैं. यह तरीक़ा ख़ास तौर पर अहम है, क्योंकि इस क्षेत्र में 2023 से 2027 के बीच ई-कॉमर्स में 11.5% तक की वृद्धि होने का अनुमान है. जैसे-जैसे मार्केट बढ़ेगा, रिटेल मीडिया में इनोवेशन की ज़रूरत और भी अहम हो जाएगी.